भाई दूज एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। यह दिन बहनों के लिए अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करने का खास मौका होता है। हिंदू परंपरा में भाई दूज का बहुत महत्व है, क्योंकि यह केवल तिलक या उपहार देने का त्योहार नहीं है, बल्कि भाई-बहन के बीच प्यार, भरोसा और जिम्मेदारी की भावना को भी उजागर करता है।
हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है, और इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर आशीर्वाद देती हैं। इस तरह, भाई दूज न सिर्फ पारंपरिक रीति-रिवाजों का हिस्सा है, बल्कि रिश्तों में अपनापन और गर्मजोशी बनाए रखने का एक सुंदर तरीका भी है।
भाई दूज कब है?

भाई दूज 2025 इस साल 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। बहनों के लिए यह दिन अपने भाइयों के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने का खास अवसर होता है।
हर साल भाई दूज की तिथि चंद्र कैलेंडर पर निर्भर करती है, इसलिए Gregorian कैलेंडर में तारीख हर साल बदलती रहती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर आशीर्वाद देती हैं और उनके लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
अगर आप इस साल भाई दूज पर कोई खास तैयारी करना चाहते हैं, तो तारीख को पहले से नोट कर लें, ताकि आप पूजा और उपहार की व्यवस्था आराम से कर सकें।

भाई दूज कब है?
भाई दूज 2025 इस साल 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। बहनों के लिए यह दिन अपने भाइयों के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने का खास अवसर होता है।
हर साल भाई दूज की तिथि चंद्र कैलेंडर पर निर्भर करती है, इसलिए Gregorian कैलेंडर में तारीख हर साल बदलती रहती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर आशीर्वाद देती हैं और उनके लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
अगर आप इस साल भाई दूज के बारे में और बेहतर जानकारी पाना चाहते हैं, तो आप AstrLive के एक्सपर्ट एस्ट्रोलॉजर से संपर्क कर सकते हैं। वे आपको इस दिन करने और न करने वाली चीज़ों, शुभ समय और अन्य सभी शंकाओं के बारे में मार्गदर्शन देंगे। इससे आप इस त्योहार को और सही तरीके से मना सकते हैं।
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भाई फोटा: परंपरा और विधि
भाई फोटा भाई दूज का सबसे खास हिस्सा है। इसे भाई-बहन के प्यार और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। भाई फोटा की परंपरा कहती है कि बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं, उन्हें आशीर्वाद देती हैं और लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं।
भाई फोटा करने की विधि:
- भाई को सामने बैठाएं और उनके सिर के पास साफ और सजावट वाला थाली रखें।
- थाली में रोली (तिलक के लिए लाल पाउडर), चावल, मिठाई और अगर चाहें तो दीपक रखें।
- बहन भाई के माथे पर हल्का सा तिलक लगाएं।
- तिलक के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और छोटा सा उपहार दें।
- भाई अपनी बहन को आशीर्वाद और प्यार व्यक्त करें।
भाई फोटा सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में अपनापन और सुरक्षा की भावना को दर्शाता है। यह छोटा सा पल, दोनों के बीच यादगार बन जाता है।
भाई दूज पर उपहार और आदान-प्रदान की परंपरा

भाई दूज सिर्फ तिलक और पूजा तक सीमित नहीं है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को उपहार देती हैं और भाई भी अपनी बहनों को प्यार और सम्मान के प्रतीक के रूप में कुछ वापस देते हैं। यह आदान-प्रदान भाई-बहन के रिश्ते में अपनापन और खुशी लाता है।
उपहार के कुछ सुझाव:
- भाई के लिए: वॉलेट, घड़ी, किताब, कपड़े या कोई हौबी से जुड़ा आइटम।
- बहन के लिए (अगर भाई भी दे रहे हैं): गहने, हैंडबैग, मिठाई, फूल या पसंदीदा चॉकलेट।
- DIY उपहार भी हमेशा दिल से दिए जाने पर बहुत खास लगते हैं।
टिप्स:
- उपहार का मूल्य नहीं, बल्कि उसमें भावनात्मक जुड़ाव सबसे महत्वपूर्ण है।
- छोटे-छोटे कार्ड या संदेश भी रिश्ते को और गहरा कर सकते हैं।
भाई दूज पर यह आदान-प्रदान रिश्तों को जीवित रखता है और दोनों के बीच प्यार और सम्मान को मजबूत बनाता है।
भाई दूज के बाद की परंपराएं और शुभकामनाएँ
भाई दूज सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं है; इसके बाद भी इसके असर और परंपराएं परिवार में जीवित रहती हैं। पूजा और तिलक के बाद बहनें अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद देती हैं और भाई भी अपनी बहनों को प्यार और सुरक्षा का वचन देते हैं।
भाई दूज के बाद की परंपराएं:
- बहनें भाई के लिए लंबे जीवन और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
- भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं या उनकी खुशी के लिए किसी खास चीज का इंतजाम करते हैं।
- परिवार के लोग मिलकर मिठाई और व्यंजन साझा करते हैं, जिससे त्योहार का आनंद पूरे घर में महसूस होता है।
- भाई-बहन के रिश्ते की याद में फोटो और वीडियो भी संभाल कर रखे जाते हैं।
शुभकामनाएँ:
भाई दूज के इस खास मौके पर आप अपने भाई और बहन के लिए अपने दिल की भावनाओं को व्यक्त करें। यह त्योहार सिर्फ रस्मों का पालन करने का नहीं, बल्कि रिश्तों में अपनापन और प्यार बनाए रखने का अवसर है।
भाई दूज के साथ अन्य त्योहारों की तुलना
भाई दूज जैसा भाई-बहन का त्योहार हमारे संस्कृति में खास महत्व रखता है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ त्योहार हैं जो भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान देने के लिए मनाए जाते हैं।
भाई दूज और राखी की तुलना:
- राखी: भाई की सुरक्षा और लंबे जीवन की कामना के लिए बहन राखी बांधती है। यह आमतौर पर श्रावण महीने में मनाया जाता है।
- भाई दूज: भाई दूज भाई की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए बहन द्वारा तिलक और आशीर्वाद देने का दिन है, जो कार्तिक शुक्ल द्वितीया को आता है।
- मुख्य अंतर: राखी में राखी बांधने का रीति-रिवाज है, जबकि भाई दूज में तिलक और उपहार का महत्व ज्यादा होता है।
भाई दूज और अन्य भाई-बहन से जुड़े त्योहार:
- कुछ क्षेत्रों में भाई तीज या भाई फोटा जैसे छोटे-छोटे त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान देने के लिए मनाए जाते हैं।
- इन त्योहारों में भी भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना की जाती है, लेकिन तरीका और समय अलग होता है।
भाई दूज की खासियत यह है कि यह पूरे परिवार को एक साथ जोड़ता है और भाई-बहन के बीच अपनापन और स्नेह को और मजबूत बनाता है। इस साल भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त जानने के लिए आप AstroLive जैसी विश्वसनीय वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं, जो सही समय और शुभ मुहूर्त की जानकारी देती है।

निष्कर्ष
भाई दूज सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और अपनापन दिखाने का दिन है। इस दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक कर आशीर्वाद देती हैं, भाई भी प्यार और सम्मान के साथ जवाब देते हैं, और पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बनता है।
इस साल भाई दूज 2025 का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक रहेगा। आप चाहें तो पूजा, भाई फोटा, उपहार और मिठाइयों की तैयारी पहले से कर सकते हैं, ताकि यह दिन और भी यादगार बन जाए।
भाई दूज के पलों को यादगार बनाने के लिए फोटो और वीडियो लेना न भूलें। डिजिटल दुनिया में आप AstroLive जैसी वेबसाइट्स से सही तिथि और शुभ मुहूर्त की जानकारी भी ले सकते हैं।
इस भाई दूज पर अपने भाई और बहन के साथ प्यार, सम्मान और अपनापन साझा करें, और रिश्तों को और मजबूत बनाएं।
FAQs – भाई दूज 2025
1. भाई दूज के दिन कौन-कौन से रंग शुभ माने जाते हैं?
भाई दूज पर लाल, पीला और नारंगी रंग शुभ माने जाते हैं। इन रंगों का प्रयोग पूजा थाली, सजावट और बहन के कपड़ों में किया जा सकता है।
2. क्या भाई दूज पर किसी विशेष दिन का उपवास करना शुभ होता है?
कुछ क्षेत्रों में बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए हल्का उपवास रखती हैं। यह पूरी तरह वैकल्पिक है और आपकी सुविधा और स्वास्थ्य के अनुसार किया जा सकता है।
3. भाई दूज पर बहनें किस समय सबसे पहले तिलक कर सकती हैं?
शुभ मुहूर्त से थोड़ी पहले तैयारी शुरू कर सकती हैं, लेकिन तिलक का मुख्य समय दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक ही सबसे शुभ माना जाता है।
4. क्या भाई दूज को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी मनाया जा सकता है?
हाँ, भाई दूज को परिवार के सभी भाई-बहन और चचेरे भाई-बहनों के साथ भी मनाया जा सकता है। इस दिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ मिलकर त्योहार और भी खास बनता है।
5. भाई दूज के दिन कौन-कौन से पौधों या फूल शुभ माने जाते हैं?
सूरजमुखी, गुलाब और केसरिया फूल भाई दूज पर पूजा और सजावट के लिए शुभ माने जाते हैं। इन्हें पूजा थाली या घर की सजावट में शामिल किया जा सकता है।