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जन्म कुंडली कैसे पढ़ें- जानिए 3 आसान चरणों में!

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कुंडली पढ़ना एक प्राचीन ज्योतिषीय विद्या है जो आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती है। यदि आप कुंडली कैसे पढ़ें या जन्म कुंडली कैसे पढ़ें सीखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित तीन चरणों में इसे सरलता से समझा जा सकता है:

1. कुंडली के 12 भावों की पहचान करें

कुंडली में 12 भाव (हाउस) होते हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक भाव का अपना विशेष महत्व है:

  • प्रथम भाव (लग्न/आरोही): व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट, स्वभाव।
  • द्वितीय भाव: धन, परिवार, वाणी।
  • तृतीय भाव: भाई-बहन, साहस, संचार।
  • चतुर्थ भाव: माता, सुख, संपत्ति।
  • पंचम भाव: संतान, शिक्षा, प्रेम संबंध।
  • षष्ठम भाव: रोग, शत्रु, ऋण।
  • सप्तम भाव: विवाह, साझेदारी।
  • अष्टम भाव: आयु, रहस्य, परिवर्तन।
  • नवम भाव: धर्म, भाग्य, गुरु।
  • दशम भाव: करियर, प्रतिष्ठा, कर्म।
  • एकादश भाव: लाभ, इच्छाएं, मित्र।
  • द्वादश भाव: व्यय, मोक्ष, विदेश यात्रा।

इन भावों की पहचान करने के लिए, कुंडली में पहले भाव से शुरू करके क्रमशः 12 भावों को समझें।

यह भी पढ़ें: कुंडली में व्यापार या नौकरी: ज्योतिष द्वारा कैरियर का चुनाव कैसे करे?

2. ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव को समझें

कुंडली में 9 प्रमुख ग्रह होते हैं: सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु (बृहस्पति), शुक्र, शनि, राहु, और केतु। प्रत्येक ग्रह का अपना स्वभाव और प्रभाव होता है:

  • सूर्य: आत्मा, नेतृत्व, ऊर्जा।
  • चंद्रमा: मन, भावनाएं, मानसिक स्थिति।
  • मंगल: साहस, ऊर्जा, संघर्ष।
  • बुध: बुद्धि, संचार, व्यापार।
  • गुरु: ज्ञान, धन, आध्यात्मिकता।
  • शुक्र: प्रेम, सौंदर्य, कला।
  • शनि: कर्म, अनुशासन, न्याय।
  • राहु: भौतिक इच्छाएं, छल।
  • केतु: मोक्ष, रहस्य, त्याग।

ग्रहों की स्थिति और उनके बीच के संबंधों को समझकर, आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि वे आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को कैसे प्रभावित करेंगे।

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3. राशि चक्र और ग्रहों के संबंधों का विश्लेषण करें

कुंडली में 12 राशियाँ होती हैं, जो 12 भावों में स्थित होती हैं। प्रत्येक राशि का एक स्वामी ग्रह होता है, और ग्रहों के बीच मित्रता, शत्रुता, या तटस्थता के संबंध होते हैं।

उदाहरण के लिए:

  • मेष (Aries): स्वामी ग्रह मंगल।
  • वृषभ (Taurus): स्वामी ग्रह शुक्र।
  • मिथुन (Gemini): स्वामी ग्रह बुध।
  • कर्क (Cancer): स्वामी ग्रह चंद्रमा।
  • सिंह (Leo): स्वामी ग्रह सूर्य।
  • कन्या (Virgo): स्वामी ग्रह बुध।
  • तुला (Libra): स्वामी ग्रह शुक्र।
  • वृश्चिक (Scorpio): स्वामी ग्रह मंगल।
  • धनु (Sagittarius): स्वामी ग्रह गुरु।
  • मकर (Capricorn): स्वामी ग्रह शनि।
  • कुंभ (Aquarius): स्वामी ग्रह शनि।
  • मीन (Pisces): स्वामी ग्रह गुरु।

ग्रहों के बीच के संबंधों को समझकर, जैसे कौन से ग्रह मित्र हैं, कौन शत्रु हैं, और कौन तटस्थ हैं, आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी ग्रह की स्थिति आपके लिए शुभ है या अशुभ।

इन तीन चरणों का पालन करके, आप अपनी कुंडली का मूलभूत विश्लेषण कर सकते हैं और अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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